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Showing posts from December, 2015

गले में फोड़े से निजात नही , भजन में जरूरी ही होगये

जय जय श्यामा श्याम । महाराज श्री राजेंद्रदास जी की वाणी में एक ब्रज प्रेम का का दृष्टान्त सुना । तब से निवेदन का मन हो रहा है । प्रेमी को अन्य कोई दुःख नहीं केवल भजन बाधा के । क...