Posts

Showing posts from January, 2019

माधुर्य लालसा और पथ , तृषित

श्रृंगार रस सामान्य स्थितियों पर लालसा नही हो सकता है । उसके हेतू जीवन में भगवदिय ऐश्वर्य लीलाओं में भी माधुर्य लीला का चकोर होना होगा । जिनके भीतर श्री सरकार भगवान नही अप...

लीला-कारण , तृषित

*लीला-कारण* लीला अकारण है , चूँकि लीला अकारण है परन्तु जीव की स्थिति कारणमय है । समस्त कारणों से परे होने से समस्त कारणों का आश्रय भी लीला है । बिना कारण जीव की स्थिति केवल अबो...

मणि , तृषित

*मणि* श्रृंगार रस केलित श्रीप्रियाप्रियतम  एक श्रृंगार को सँग में परस्पर धारण करते है । प्रेमी प्रेमास्पद के जीवन में जीवन की अभिन्नता की अखण्ड वाँछा रहती है , वही जीवन यहा...