सच्चिदानन्द आनन्दकन्द परमब्रह्म श्रीकृष्ण अपने भक्तों को सुख देने के लिए ही इस पृथ्वी पर अवतरित हुये हैं। भगवान श्रीकृष्ण की सभी लीलाएं बड़ी अटपटी हैं। उनसे अनेक बार ब...
जय जय राधेश्याम जी । आप सब जानते ही है , भक्ति जीव की शक्ति नहीँ , ह्लादिनी शक्ति की एक विशेष वृति है । ह्लादिनी शक्ति महाभावस्वरूपा है ( श्री किशोरी जु) । इसलिये शुद्ध भक्ति स्व...
पूजाते विष्योपभोग रचना सभी विषय भोग समस्त क्रिया आपकी पूजा हो जाएं । निद्रा समाधि स्थितिः निद्रा परम् योगियों को प्राप्त समाधि की परम् अवस्था ही हो जाएं । सञ्चारः पदयोः ...
लीला को पढ़ने की नही उस समय वहाँ होने के लिए तड़पे । नाम लेकर वो ना सुने तो रो दे । और दिल से पुकारे हाँ चित्र से उन्हें निहारना ही है । पर वो बहुत सुंदर है । कोई चित्र उनकी सुंदरता ...
अगर घर के 0 वाट के बल्ब का नाम सूर्य रख दूँ । तो वह सूर्य ना होगा । आजकल भगवान बनने का फैशन है । सावधान रहें । आजकल तो सब नाम और बाहरी "पैकिंग" [दैहिक] और वेष पर न्यौछावर ! किन्तु यहाँ ...
किंचित् नहीँ विशेष जब कभी संगीत आवेग से बेसधे तार तृषित बजे बहुतों ने कर्ण पर कर पट धरे और कुछ दबे ठहाके सहते चले पर तब भी किसी ने कहा .... थोडा और !!! दृष्टि खुली , कोई तो नहीँ था पर त...