अलि दशा

अलि वह भावदशा है जो प्रकट फल या पुहुप के स्वरूप-स्वभाव को कष्ट ना पहुँचा कर अपितु केलि श्रृंगार रचते हुए निजतम स्वामिनी हेत मधु संचय करें । 
... केलि रूपी मज्जन या मर्दन भी और नवीन लास्यमय ललित रूप सौन्दर्य उन्माद का रँगोत्सव है ...केलि चकोर में प्रतिक्षण सेवा की लहरें और उत्सवित हो रही होती है । युगल तृषित । श्रीवृन्दावन । 
सेवा लहरों से रचित प्रेम द्वीप का ललितम मधुतम उत्सव जहाँ झूम रहा हो ऐसे हिय सरोवरों में स्फुरित प्रफुल्ल होते है श्रीविपिन रूपी विलास पँकज ... कमल कुँजन ।

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