काहे तुम छलिया । ना , ना हो तुम कोई छलिया । तुम क्या छल सकोगें । अरे प्रेम के अतिरिक्त तुम्हारा कोई विषय-आश्रय ही नहीँ । छल तो मुझसे सीखो मेरे प्राणसिंधु रसमणि । बहुत सुना हमने ,...
फेसबुक और आध्यत्मिक लाभ - 1 फेसबुक पर व्यक्ति की प्रोफाइल है , कोई मित्र फेसबुक पर अनब्लॉक करें और जीवन में नहीँ तो भी पीड़ा होती है । क्यों ? जीवन में बहुत कम या न मिलने वाले बहुत ...
संसार क्या चाहता है ?? भगवत कथाभाव रस अब एक ट्रेंड हो गया है । संसार चाहता है हमारा त्याग सच्चा हो पर भौतिक विकास भी भरपूर हो । पिछले समय एक कथा की बात के लिए मुझे बाहर जाना पड़ा , य...
अगर मनुष्य के जीवन में वास्तविक मौन घट गया तो हम यह भी कह सकते है , भगवत्साक्षात्कार घट गया । मनुष्य को विचारों से गहन मोह है , वह सूक्ष्म रूप से विचार हीन नही हो सकता । अन्तः कर...
*श्रीवृन्दावन वास* श्रीगौरश्यामात्मक अति मधुर विग्रह श्रीराधा-कृष्ण के परम अनुपम प्रणय के परम पात्रस्वरूप में चित्रित एवं निर्मल काम-बीजात्मक चित्-ज्योति के समुद्र मे...