देखने भर में वह एक साधारण सी भी नहीँ लगती , परन्तु सजीव चमत्कार को मान लेने का साहस कौन करें ,कलयुग में यह सनातन सी आभा , सम्भवतः अप्सराएं भी गौण हो । गुण की बात ही क्या करना यह तो ...
सुमिरन कर ले मेरे मना । तेरी बिती जाति उम्र, हरिनाम बिना ।। कूप नीर विन, धेनु छीर बिन, धरती मेह बिना । जैसे तरुवर फल बिन हीना, तैसे प्रानी हरिनाम बिना ।। देह नैन बिन, रैन चंद बिन, म...
सुमिरन कर ले मेरे मना । तेरी बिती जाति उम्र, हरिनाम बिना ।। कूप नीर विन, धेनु छीर बिन, धरती मेह बिना । जैसे तरुवर फल बिन हीना, तैसे प्रानी हरिनाम बिना ।। देह नैन बिन, रैन चंद बिन, म...
इस ग्रुप का जो नाम है इसी भाव से हम युगल कृपा और सन्निधि में देल्ही में कथा रखेंगे । 22 अप्रेल से 3 दिन । स्थान - सम्भवतः चाँदनी चौक में मन्दिर । शेष कुछ तय नहीँ , जैसा युगल चाहे । ज...
******* गदाधर भट्ट जी के पद ******* कबै हरि, कृपा करिहौ सुरति मेरी। और न कोऊ काटनको मोह बेरी॥१॥ काम लोभ आदि ये निरदय अहेरी। मिलिकै मन मति मृगी चहूँधा घेरी॥२॥ रोपी आइ पास-पासि दुरासा केरी...
जीवन-संगिनी बहू स्वरूप में आकर तुमने पति-घर-संसार सजाया है। सजल हास, मृदुल सरल मुस्कान सकल गृह पर सर्वत्र-नेह तुम्हारा छाया है। तज सारा परिहास-विलास, जब फूल संग काँटे भी आँच...
भगवत् कृपा से मुझसे सब दिव्य ही भगवत् प्रेमी जूडे है ,कही न कही कोई न कोई विशेष है । बहुत दिव्य । कुछ को पता है , कुछ को नहीँ । अपनी ओर देखूँ तो सर्वथा अयोग्य हूँ पर लालच मेरा । सम्...
अगर हम अभिभावक है । अथवा सन्तान तो भगवान को समझना सहज है । हमारी अपनी ही समस्त उपाधियां दुरी है , स्वयं की असत् सत्ता । मैं कौन हूँ भगवान से प्रेम क्यों हमारा क्या है भगवान क...
हे मनहर , हे प्रियतम् , तृषित हूँ , रहना है , कुछ कहना नहीँ , कोई विचार भी बनता है तो लगता है क्यों ? क्या मेरे प्रियतम् सब जानते नहीँ । विचार के बुनने की भी क्या जरूरत । परन्तु भय है आ...
प्रियतम की संगिनी की बाधाएं क्या होती है ? मन कभी तादात्म्य नहीँ करने देता , सुबह से रात तक जहाँ जाता है वहाँ से लौटता ही नहीँ , मकड़ी सा जाल ही बना डालता है । गहराई में मन में कई कु...