सुमिरन कर ले मेरे मना

सुमिरन कर ले मेरे मना ।
तेरी बिती जाति उम्र, हरिनाम बिना ।।

कूप नीर विन, धेनु छीर बिन, धरती मेह बिना ।
जैसे तरुवर फल बिन हीना, तैसे प्रानी हरिनाम बिना ।।

देह नैन बिन, रैन चंद बिन, मंदिर दीप बिना ।
जैसे पंडित बेद बिहीना, तैसे प्रानी हरिनाम बिना ।।

काम क्रोध मद लोभ निहारो, छाँड़ दे अब संत जना ।
कहे 'नानकशा' सुन भगवंता, या जग में नहीं कोई अपना ।।

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