श्री प्रिया छुपन लीला ... तृषित
सखी वें आ रहे ... छिप जाओ । *आ ... आ ... आ रहे !! ... छिप ... छिप ... हाय ! क्यों सखी ...* सखी उन्हें व्याकुल होना होगा तभी वें समझेंगे तुम्हारे प्रेम को ... हम ऐसे कैसे मिलने दे तुम्हें ... ??? तनिक कुछ मूल्य तो ल...