सुगन्धा सेवा पद

सुरभित समीर महक बरसावै प्यारी प्यारे पे सुगन्धा

रस झरित निज सुरभ युगल पुनि पुनि डुरावे सुगन्धा

युगल हित सुरभ युगल नैनन सुरभ में भरी भरी जावें सुगन्धा

रस झारिन की सरस पुलकन शीतल सौरभ सेवा नित अकुलावे सुगन्धा

***

कौन रीत-प्रीत युगल सुख हो जाऊँ

सरस् रस बरसावत सुमन-कुमुदिनी सौरभ सूं युगल हित रिझाऊँ

युगल हित सरस लहरन सँग वृन्दा विपिन को जीवन होई जाऊँ

वृन्दा विपिन सुं महकत पुनि पुनि दृगन सरस झरित  पुलकन  पिवत जाऊँ

बलिहारी सब सखियन की सुधा रस चरणन की शीतल सुगन्धा होई युगल हित नित रिझाऊँ

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