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Showing posts from September, 2017

अनन्त सखियाँ ... अनन्त कुँज , तृषित

अनन्त सखियाँ ... अनन्त सेवा अनन्त सखियाँ है ... अनन्त कुँज है । अनन्त सेवा । भावगत पृथकता से कभी सम्पूर्ण अभिन्न स्थिति परस्पर एक ही पथ पर , एक ही समय चल रहे पथिक में होती नहीं । एक ...

कुँज लीला , तृषित

कुँज-लीला महावृन्दावन में जो सब क्रीड़ावन विद्यमान है , उनमें से प्रत्येक में नाना प्रकार के कुँज विराजित है । अन्तरंग भावुक भक्तगणों की तृप्ति के लिये श्री राधागोविन्द क...

कृपा , तृषित

कृपा यह अप्राकृत शक्ति आह्लाद है , बोलचाल में कृपा को तत्व रूप चिंतन करते है । है यह आह्लाद । कृपा विधान की विधि से नहीं श्रीप्रेममयप्रभु के हृदय की भावना है । कृपालुता में उ...

रस भाव चर्चा तृषित

प्रश्न--  प्रेम जितना कम होता है  श्यामसुन्दर को देख पाना उतना सरल होता है । सरल से तात्पर्य सुलभ नहीं ।सरल से अर्थ यह कि उनके लिये प्रेमानुभूति न्यून होने पर तद्नुसार ही वे ...

रस भाव चर्चा तृषित

प्रश्न--  प्रेम जितना कम होता है  श्यामसुन्दर को देख पाना उतना सरल होता है । सरल से तात्पर्य सुलभ नहीं ।सरल से अर्थ यह कि उनके लिये प्रेमानुभूति न्यून होने पर तद्नुसार ही वे ...