जहाँ का जल वहीँ ही गिरता है

एक विधान है
आप जानते ही होंगे ।
सभी साधक और भावमय है ।
सब और का जल समुद्र में आता है
और अवशोषित होता है ।
वर्षा में वह जहाँ से आया वहीँ
गिरता है , अगर वह गंगा से तो
गंगा में ही जायेगा  ।
सरोवर , तालाब कूप से , जहाँ से
भी आया वहीँ ही जायेगा ।

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