वो प्रेम समेट नही पाते , तृषित
🙏🙏🙏🙏🙏 नहीं ! उनसे अपना प्रेम समेटा नहीं जाता ! नित्य नव महा मिलन से वें व्याकुल , स्पंदित , तरंगित रहते है ! जैसे - लहरें तरंगित होती है ... किसी बाहरी मिलन को छु कर ! नित्य मिलन ... प्रे...