आशिकी का सब्र - तृषित

उल्फतें सिमट ना सकें
आरजू ठहर ना सकें
रास्ते पिघलते मिलें
मंजिलें उफनती चलें
तरकीबें गुनाहों में रहें
सरगोशी आँखों में उछले

आशिकी कब्र के सब्र में जियें

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