मान के 2 प्रकार है
*मान के 2 प्रकार है*-
(1) *उदात्त मान*
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(A) *दाक्षिण्य उदात्त मान*
(B) *गन्धोदात्त मान*
(2) *ललित मान*
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(A) *कौटिल्य ललित मान*
(B) *नर्म ललित मान*
(1) *उदात्त मान*- घृत स्नेह गाढ़ता प्राप्त करने पर उदात्त मान के रूप में प्रकट होता है
(A) *दाक्षिण्य उदात्त*- भीतर कुटिलता है बाहर सरलता है,अनुकूल प्रतीत होता है
(B) *वाम्य गन्धोदात्त मान*-भीतर कुटिलता नही है,बाहर थोड़ा वाम्य भाव है
(2) *ललित मान*- मधु स्नेह जब गाढ़ता वश कुटिलता और नर्म विशेषण धारण करे और अत्यंत मधुर रुप धारण करे
(A) *कौटिल्य मान*-
🔸रास में अंतर्धान होकर जब श्याम सुंदर पुनः प्रकट हुए तब श्री राधा ने प्रेमकोप में उन्हें भृकुटि टेढ़ी करके देखा, दांतो से होंठ काटने लगी।कृष्ण उनके कटाक्ष से आहत होने लगे
🔹कृष्ण श्रीराधा के मुखमंडल पर आनंद लेते हुए धीरे धीरे चित्र रचना कर रहे थे।उस समय कृष्ण की उंगली में पसीना छा गया।कृष्ण को विलम्ब करते देख श्रीराधा चंचल नेत्रा हो उठी और अपने वाम कर से को मना कर दिया
(B) *नर्म ललित मान*-जब व्यंग्य युक्त हास्य से मान प्रकट किया जाए
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