बन्धन भाव , तृषित
हाथों को सँवार दो
सखी को सँवार दो
मुझे मेरे दिल की सुना दो
नाम मेरे पिया का बता दो
मेहन्दी लगा दो ,कंगना पहना दो
झूले लगवा दो , सखी पिया मिला दो
कलावां बंधाई दो , याद दिलाई दो
सखी राखी पहनाई दो , किशोरी सजई हो
सुभद्रा सो मिलती हरे गौरांगा बनाई दो
पिया की बहिन की भौजाई राखी बंधाई दो
*तृषित*
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