सखी मोरे प्राण मराल, तृषित

1
सखी मोरे प्राण मराल , चुनि चुनि झूमै रसिली शरद रसाल
सखी मोरे प्राण युगल , झूमत फुलत उमगावे रँग गुलाल
सखी मोरी प्राण निधि , रीति गुढ़ रस रति बसन्त सु पुलाल
सखी मोरी तृषित प्यारी , सजाई के लावैं तृषा भरि-भरि थाल

2
हमहिं हमहिं हमहिं के पियप्यारी हिय मराल
हमहिं हमहिं फूलहिं झूमत , हमहिं घेरहि घुमड़ झूमै रसिली रस चाल
हमहिं चढ़ी रूप अँग पै पहिरावे झारै , फूल हियनैन सुं लाड़ लाल
हमहिं सुखबाँवरी कूजै तोहिं होई , नाचै जोई क्रीडत हमहिं के रसाल

(Edited)

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