राधा तत्व , तृषित

राधा तत्व

कबहुँ जग पुष्प को अग्नि से मिलावे है । का होंवे राधा तत्व ।
अरी पिय रस पुष्प ते झरित बिंदु मकरन्द मात्र । न्यून राशि हिय समेटे ।  ऐसी पिय को सुख सुधा निधि । पिय मीन वत जोई रस में नित आनन्द  वोई रस सुधा राशि राधा । पर माने झरित मकरन्द बिंदु पिय हिय ते कछू छुट्यो ।

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