ना छोडियो मोहना ...
आप इतने सुन्दर हो ना ...
आपको किसी भी विधि से
चाहने में सदा असमर्थ रहा
ना ही आपके हेतु
...
और तब भी आप मेरे
अकथन को भी साधते रहते है ... जय जय ...
कुछ अति लघु जीव के
भी मन की रखना ..
अशरण को भी अपने चरणन में लेकर |
दया करना सरकार ,
स्थिति आप समझते है
फिर संसार ... आप ही
जिसके संसार हो वो क्या
मुंह लेकर जायें उस दुनिया
में पर आप की कृपा पर
निष्ठा है ||
जो बन पडी है वो ना टुटे
ख़्याल राखियो मोहना ...
दिन चार मिलें या हजार मिलें
पग माथ पर राखियो साँजना ...
Comments
Post a Comment