पुनर्मिलन
मिलन से गहरा है
पुनर्मिलन
विरह की धारा मध्या
पुनर्मिलन एक वर्षा
पुनर्मिलन एक तृषा
पुन:-पुन : संयोग कैसे
पुन:- पुन: वियोग से
पुन: दृष्टि
पुन: स्पर्श
पुन: वेदना
पुन: रुदन
संभव हो पुन:
तो नि:शब्द पुन:
निरातीत ने खोदा
अतीत पुन:
वहीं आवेग
वहीं गोता
वहीं बहाव
पुन: !!
कैसे !!
पुन: निवेदन
पुन: विनोद !!
पुनर्रावृत्ति स्वप्न की
पुन: सुर्योदय पर
उडते पंख
पुन:-पुन:
चाहे पिया तुम्हें
लो मैं आ गई ...
बस !
पुन: वही दोहरा दो
- सत्यजीत "तृषित"
Comments
Post a Comment