सच कहू सखी
सच कहूं सखी उनसे नैन ना मिलाना
चाहे मर जाना नैन ना मिलाना...
नैन मिला कर पल पल मरोगी
कह ना उनसे अब ही मरुगीं
मोह ली जाओगी
सामने ना जाना
चित् ना लगाना
देख ना शर्माना
नैन जो मिलेंगें
सब खो दोगी
फिर लौट कर तुम
काज ना करोगी
मिलें जो नैना
वहीं तुम रहना
साँवरे को छु ना
कहना संग ले चलो ना
बावरी ना होना
पगली ना होना
चैन ना खोना
श्याम से ना कहना
पर तुम फिसलोगी
रुप पर मरोगी
सब खो दोगी
आज तुम ना रहोगी
सांसे कैसे लोगी
हरकते कैसे थामोगी
आँसु कैसे रोकोगी
मुझसे कैसे मिलोगी
तुम ना रहोगी
सब खो दोगी
रोती ही रहोगी
पगली फिरोगी
भुख ना लगेगी
प्यास काहे आवेगी
कुछ ना सुहावेगी
सच कहूं सखी नैन ना मिलाना
मिल तब भी जायें
फिर ना चुराना ...
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