प्यास
प्सासी मैं जन्मन की
प्यास मेरो धरम है
प्यासी मैं पिया की
पिया मेरो धन है
प्यासी मैं पिया नैनन की
प्यासो मेरो मन है
प्यास प्यास रहेगी
आस हिय पास रहेगी
सब बिन जियुं पिया
प्यासी ही जियुंगी
प्यास जो है तुम से
भी ना कहूंगी
प्यासे नैनन से तोर
अधरन देखुगी
प्यास ना टुटे पिया
आस छुटे पिया
हृदय बिन प्यासी ही जियुंगी
छिप कर मिलना पिया
किसी से ना कहना पिया
कहाँ फिर छिपुँगी
अंग लगा कर ना छोडो तो आऊं
जुड कर फिर ना टुटो तो आऊं
और ना देखो पिया
प्यासी ही पिघलुंगी ...
प्यासी ही तरसुगी ...
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