कब लौटोगे दिल की गलियोँ में

कब लौटोगे दिल की गलियोँ में
कुछ लम्हा सदियोँ सा गुज़र गया
मेरे पिया सदियाँ जी ली
तेरे बिना हर लम्हें में
अब तो आ ही जाओ
यूँ न फिर लौटने को
दिल में उतर ही जाओ
अपनी ही साँसो में घुलने को
अपनी ही तस्वीर इस दिल में
तुम गले से लगा लो
भीतर बाहर बस तुम
सिर्फ तुम ही छा जाओ

आओ न पिया ,
संग तेरा याद से उतरता नहीँ
यूँ तो याद के बहाने
संग हो तुम ही
फिर जहाँ चले गए
मेरा दिल भी वहीँ गया
अब यहाँ ग़र तुम हो भी तो हो
मेरी रूह नज़र कोई ले ही गया ।
-- सत्यजीत तृषित ।।।

Comments

Popular posts from this blog

Ishq ke saat mukaam इश्क के 7 मुक़ाम

श्रित कमला कुच मण्डल ऐ , तृषित

श्री राधा परिचय