मेरी साँसों को जो महका रही है

मेरी साँसों को जो महका रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है

शुरू ये सिलसिला तो उसी दिन से हुआ था
अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँ ही छुआ था
लहर जागी जो उस पल तनबदन में
वो मन को आज भी बहका रही है

बहोत तरसा है ये दिल तेरे सपने सज़ा के
ये दिल की बात सुन ले, मेरी बाहों में आके
जगाकर अनोखी प्यास मन में
ये मीठी आग जो दहका रही है

ये आँखे बोलती हैं, जो हम ना बोल पाए
दबी वो प्यास मन की नज़र में झिलमिलाए
होठों पे तेरे हल्की सी हँसी है
मेरी धड़कन बहकती जा रही है

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