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Showing posts from May, 2015

शरणम् मम

!! श्री कृष्ण शरणम ममः !! धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः। लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः। दीन दुःखियों का, निर्बल जनों का सदा, दृढ सहारा है श्री कृष्ण शरणम ममः। वैष्णवों क...

मैं अछुत हूँ

मुझे ना छुना !! मैं अछुत हूँ !! हाँ , ना छुना क्युं छुना है तुम्हें तुम्हारी हूँ सो ... हाँ हूँ तुम्हारी थी तुम्हारी रहूंगी तुम्हारी पर ना छुना सच ! मैं अछुत हूँ छुटी थी जब तुमसे बिख...

हनुमान विवाह का खंडन

“हनुमान् जी के विवाह की चर्चा अप्रामाणिक” यह पराशर संहिता अर्वाचीन ग्रन्थ है । हमारे यहाँ हनुमान् जी के विषय में सर्वाधिक प्रामाणिक ग्रन्थ वेद और आदिकाव्य वाल्मीकि रा...

अभी कल

अभी कल उतरा ही था गहराईयों में कि चीख पडा घडी दो घडी का सुकुं भी मुझे क़बुल ना था युं कुछ देर डुबे रहता क्युं डुबाया उसने गहरा कहीं कोई नई मुलाक़ात या खामोशियों में करनी थी ब...

Eshvar hetu 12 kadam

ईश्वर प्राप्ति के १२ क़दम भगवान श्री कृष्ण कहते हैं.... मय्येव मन आधत्स्व मयि बुद्धिं निवेशय । निवसिष्यसि मय्येव अत ऊर्ध्वं न संशयः ॥ (गीता १२/८) भावार्थ:हे अर्जुन! तू अपने मन ...

प्रश्नोत्तर

प्रश्नोत्तर   क्या करें? वही करे जो करना है.   वो क्या? बस न्यौछावर हो जाएँ. अपना कुछ भी बचा के ना रखे (सर्वतोभावेन पूर्ण-समर्पण).   कहाँ समर्पण? प्रभु के चरणारविन्दों में   कैसे...