ऊर्जा
जब तक भीतर स्वयं की ऊर्जा का
हल्का सा भी आभास होगा
परमात्म महाऊर्जा की दृष्टीगत ना
होगी
सुक्ष्म शरीर स्वप्न देखता है जब स्थुल
क्रिया ना करें ... निद्रा में हो |
जब सुक्ष्म शरीर भी क्रिया ना करें
और निद्रा ना हो ...
अक्रिया के उसी क्षण आपके आधार
भगवान भीतर की क्रिया में दृष्टीगत होंगें
एक पारदर्शी प्लास्टिक की खाली बोतल में
कुछ डालियें ... सुक्ष्म से सुक्ष्म जैसे
सुखा पौदिना पिसा हुआ थोडा सा ही |
आप देखेंगे पौदिने का चुरा बोतल में ऊर्जा
वान हो रहा है ... बोतल पर चिपक
रहा है जितनी ऊर्जा होगी उतना
कार्य यहीं ऊर्जा चेतना है
वो बाहर नहीं उछल रहा था |
प्लास्टिक की बोतल का ऊर्जा स्तर
उससे कम होने से क्रिया दिखी !!
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