सुखी राम का दास

अभी एक कथित आध्यात्मिक से
दो दिन से बात कर रहा था ...
उन्हें लगता है वें दु:खी है | जबकि
भक्ति और अध्यात्म में पता ही नहीं
होता दु:ख है क्या ?
बल्कि सांस भी मिलें वो भी कृपा ही
है ... हर निवाला कृपा है | तो दु:ख क्या ?

दु:खी भगवान को भी दु:खी ही करेगा |
मैंने देखा है भगवान को सब कुछ
मानने वाले उनसे दु:ख कह जाते है
जब्कि जहाँ प्रेम हो वहाँ दु:ख दिखाया
ही नहीं जाता | संसार में यें आम है
भगवान से ऐसा रसिक ही कर पाते है
या हनुमान जी जैसे भावुक भक्त जो
कह सके प्रभु आपसे नहीं होगा ...
आज नहीं होता पर पहले संत पीडित
को स्वयं झाडा देकर या कैसे भी
कष्ट अपने पर ले लेते थे |
कर्मफल है भोगना तो होगा सो
अपने पुण्य से या तो पाप क्षय हो
या पाप अपने पर लें लो ...
पर प्रभु तक ना जाने दो ...
वरन् यें प्रभु को कहेगा , हर लो !
वें हर लेंगें ! किसी के पाप से
अग़र उसे एक वर्ष का कष्ट है
तो प्रभु को क्षण भर को होगा |
रसिक यें जानते है ... वें जानते
की यें सहजता से हर लेते है ...
सो वें स्वयं हरने लगते है ...
आप देखेंगें कि कई दिव्य संत
अंत काल में शारीरिक या मानसिक
संताप भोगते है ... लोग कहते है
इन्होंने क्या पाप किये ?
पाप उन्होंने किये नहीं पुण्य से बदल
लिये | 
हनुमान जी एक पास राम नाम की
औषधी है ... जिससे वें संताप हर
लेते है ... महाभजन के प्रताप से
उन्हें कुछ नहीं होता ....
वें राम जी के आगे असहाय को
जाने ही नहीं देते ...
सब दु:खी है सो हनुमान जी के
पास जाते है ...
राम के पास वहीं जायेगा जो
जिसे सेवा करनी हो या उद्धार
होना हो |

कुल मिलाकर दु:ख मानसिक
अवस्था है ...
किसी ने ठान ली दु:खी होने की
तो होगा ही ...
शराब का पूरा कारोबार दुख भुलाने
का है |
क्षणभंगुर संसार में कुछ भी
अजर नहीं ... सो संसार में सुख
चाहना दु:खी करेगा ही करेगा |
जहाँ केवल आनन्द ही हो वहाँ
चित् हो जाये तो भौतिक जीवन
का बडे से बडा दु:ख  केवल एक
रेत के कण सा लगेगा ... जो भी
भगवत् नाम में प्रीत होने पर अज्ञात
रहेगा ... मैं पुराने साथियों से मिलता
हूँ वो दस बात पुंछते है कुछ बताने पर
बडा आश्चर्य करते है तब लगता है
कि दु: ख आया और चला भी गया ...
पता ही नहीं होता ...
रही बात भक्ति कुछ दर्द में हरि सुमिरण
करके देखियें सच्चा और मीठा लगता है |
सडक पर कई बार भुखा बच्चा नहीं रोता
और ऐशो आराम की दुनिया में कोई सच्चा
नहीं हँसता ...
सुखी राम का दास !! सत्यजीत "तृषित"

Comments

Popular posts from this blog

Ishq ke saat mukaam इश्क के 7 मुक़ाम

श्रित कमला कुच मण्डल ऐ , तृषित

श्री राधा परिचय