नित् युगल नाम संग बहे नयनजल , महावर पद

नित् युगल नाम संग बहे नयनजल
जिन से सींचूँ सुर्ख़ महावर की फसल
नित् युगल नाम संग गाती  मेहँदी पत्र पर लिखूँ श्रीवृंदावन
पिसुं हर पत्र गाती युगल नाम संग होवे सब ही महान

ऐसी कोमल निर्मल महावर घोलूँ युगल प्रीत कलिंद रस में
नित् श्री चरणन पर पुनि पुनि धराऊँ शीतल महावर लेपन लें श्रीपद कर में ...
***
कबहुँ युगल सुंदर पावन नाम संग राग जगेगो
कबहुँ तव नाम रस संग नयन जल बहेगो

कबहुँ महावर फसल युगल नाम धरित नयन जल संग खिलेगी
कबहूँ रस फसल संग प्रीत हरित बन लहरेगी
कबहुँ हरित प्रीत श्री चरणन को शीतल ललित स्पर्श करेगी

***
कालो मन मेरो कबहुँ हरित जावक होय
हरित जावक रँगित ललित कुसुुमल पद तोय
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अति सुकुमल विमल सुरस स्फुरण मधुर पवन सौरभ याँ पदपंकज की

कौन भाँति विचारे तृषित कुटिल मन प्रवेश तहाँ वायु अति विमल भावन की ...

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