वृन्दावन वास की योग्यता नही हमारी , सन्त बहुत कहे है , त्रिगुण ने छुआ तो वृन्दावन प्रकट न होगा । लक्ष्मी जु लक्ष्मी हो कर प्रवेश नही करती । क्योंकि वह राजसिक स्वभाव की अधीश्व...
चरण ध्यान और द्वंद सँग नही सम्भव ... श्री प्रभु चरण का सहज स्मरण बन पाए तो वासना वहीँ नष्ट हो जावे । श्री श्यामसुन्दर के चरणों से ऊपर का ध्यान विकार चित्त नही कर सकता । समस्त उपा...
भजन की सरसता का वर्धन नाम भजन (सुमिरन) गहनतम अमृत है , भजन में स्थायी रसभाव वृद्धि होती है । भजन से स्वभाव स्वरूप का अनुभव होता है । भजन हमें अपनी वास्तविक स्थिति प्रदान करता ह...