ब्रज बाला , तृषित
ब्रज बाला
तू कहां खो गई ब्रज बाला
वह तुझे आज भी खोज रहा है
ब्रज बाला भाग ... भाग ...
वेणु सुन
और
और
भाग
कब तक पुकारेगा वह
कहां खो गई तू ब्रज बाला ...
कभी तूने चाहा
और
वह चल दिया ...
पर तेरे भीतर बाहर वही था
जा , देख , अब वही खड़ा है ...
तू कहां खो गई ... हे ब्रजबाला !!
वह तेरा प्रेमजीवन तुझे पुकारता ...
वहीँ ...
---तृषित
Comments
Post a Comment